ग़ज़ल

गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल (सपने खूब मचलते देखे)

ग़ज़ल (सपने खूब मचलते देखे) सपनीली दुनियाँ मेँ यारो सपने खूब मचलते देखे रंग बदलती दूनियाँ देखी, खुद को रंग

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गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल : प्यारे पापा डैड हो गए

  माता मम्मी अम्मा कहकर बच्चे प्यार जताते थे मम्मी अब तो ममी हो गयीं प्यारे पापा डैड हो गए

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गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल : दिल में दर्द जगाता क्यों है

गर दवा नहीं है दर्द की तुझ पे दिल में दर्द जगाता क्यों है जो बीच सफर में साथ छोड़

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