ग़ज़ल : प्यारे पापा डैड हो गए
माता मम्मी अम्मा कहकर बच्चे प्यार जताते थे
मम्मी अब तो ममी हो गयीं प्यारे पापा डैड हो गए
पिज्जा बर्गर कोक भा गया नए ज़माने के लोगों को
दही जलेबी हलुआ पूड़ी सब के सब क्यों बैड हो गए
गौशाला में गाय नहीं है, दिखती है अब चौराहों पर
घर घर कुत्ते राज कर रहे, मालिक उनके मैड हो गए
कैसे कैसे गीत हुए अब शोरनुमा संगीत हुए अब
देख दशा और रंग ढंग क्यों तानसेन भी सैड हो गए
दादी बाबा मम्मी पापा चुप चुप घर में रहते हैं
नए दौर में बच्चे ही अब घर के मानो हैड हो गए ।
प्रस्तुति :
मदन मोहन सक्सेना
अच्छी ग़ज़ल !