सुनहरी साड़ी में लिपटी
सुनहरी साड़ी में लिपटी, प्राची खड़े खड़े मुस्काये। देख धरा पर बिखरे मोती, प्राची खड़े खड़े मुस्काये।। पात पात पर
Read Moreसुनहरी साड़ी में लिपटी, प्राची खड़े खड़े मुस्काये। देख धरा पर बिखरे मोती, प्राची खड़े खड़े मुस्काये।। पात पात पर
Read Moreरजनी साथ रहे उडगन। न अब रजनी न अब उडगन।। बीती विभावरी छाई मुस्कान। खग कुल की है मीठी तान।।
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