Author: बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

कवितापद्य साहित्य

मनविश्राम छंद “माखन लीला”

माखन श्याम चुरा नित ही, कछु खावत कछु लिपटावै। ग्वाल सखा सह धूम करे, यमुना तट गउन चरावै।। फोड़त माखन

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कवितापद्य साहित्य

मधुमती छंद “मधुवन महके”

मधुवन महके। शुक पिक चहके।। जन-मन सरसे। मधु रस बरसे।। ब्रज-रज उजली। कलि कलि मचली।। गलि गलि सुर है। गिरधर

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कविता

पादाकुलक छंद “राम महिमा”

पादाकुलक छंद “राम महिमा” सीता राम हृदय से बोलें। सरस सुधा जीवन में घोलें।। राम रसायन धारण कर लें। भवसागर

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कविता

चौपई छंद “चूहा बिल्ली”

(बाल कविता) म्याऊँ म्याऊँ के दे बोल। आँखें करके गोल मटोल।। बिल्ली रानी है बेहाल। चूहे की बन काल कराल।।

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कविता

मानव छंद “नारी की व्यथा”

मानव छंद “नारी की व्यथा” आडंबर में नित्य घिरा। नारी का सम्मान गिरा।। सत्ता के बुलडोजर से। उन्मादी के लश्कर

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कविता

चंद्रमणि छंद “गिल्ली डंडा”

चंद्रमणि छंद “गिल्ली डंडा” गिल्ली डंडा खेलते। ग्राम्य बाल सब झूमते।। क्रीड़ा में तल्लीन हैं। मस्ती के आधीन हैं।। फर्क

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