मत्त समक छंद

कविता

पादाकुलक छंद “राम महिमा”

पादाकुलक छंद “राम महिमा” सीता राम हृदय से बोलें। सरस सुधा जीवन में घोलें।। राम रसायन धारण कर लें। भवसागर

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