गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 10/12/2014 गज़ल, मदन मोहन सक्सेना, शून्यता गज़ल (शून्यता) गज़ल (शून्यता) जिसे चाहा उसे छीना , जो पाया है सहेजा है उम्र बीती है लेने में ,मगर फिर शून्यता Read More