शुभ कामना !
बहुरंगी दुनिया भले , रंग भा गए तीन ,
बस केसरिया , सित, हरित ,रहें वंदना लीन |
रहें वंदना लीन ,सीख लें उनसे सारी ,
ओज ,शूरता ,त्याग , शान्ति हो सबसे प्यारी |
धरा करे शृंगार ,वीर ही रस हो अंगी ,
नस-नस में संचार ,भले दुनिया बहुरंगी ||१
अक्षत आशाएँ रहें ,रोली हो विश्वास ,
भले नयन से दूर हो ,मन से हर पल पास |
मन से हर पल पास, ध्यान बस रहे तुम्हारा ,
सुख समृद्धि अपार ,प्यार भी तुम पर वारा |
भूल न पाए भ्रात ,रहे कर्त्तव्यों में रत ,
मन के मंगल भाव , रहें सब आशा अक्षत ||२
राखी मंगल कामना ,शुभ-आशिष ,उपहार ,
भाई के मन बाँधती , इक धागे से प्यार |
इक धागे से प्यार ,सजाती सुन्दर मोती ,
माँग प्रभु से सार ,सुखों की लड़ी पिरोती |
मात -पिता तुम संग ,मुदित है मन का पाखी ,
सँवरा घर-संसार ,लाज भैया ने राखी ||३
डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
बहुत खूब .
बहुत आभार !
बहुत सुंदर कुंडलियाँ !
हार्दिक धन्यवाद !