राजनीति

अब समाजवाद के नाम पर फिर नयी चालें

राजधानी लखनऊ में विगत 4 अगस्त को समाजवादियों का सम्मान समारोह किया गया इस बहाने देशभर के समाजवादी एकत्र हुए तथा भविष्य में समाजवादी की भूमिका पर अपने विचारों का आदान प्रदान भी किया। यह सम्मेलन तो था समाजवादियों के सममान का लेकिन इसके मुख्य कंेंद्रबिंदु युवा मंुख्यंत्री अखिलेश यादव ही थे। सभी समाजवादी नेता मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कामकाज की सराहना कर रहे थे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को और अधिक बड़ी भूमिका के लिए तैयार करने की बात कह रहे थे। सभी समाजवादियों को सर्वाधिक चिंता मिशन – 2017, पंचायत चुनाव और आगामी लोकसभा चुनावों सहित पूरे देशभर में पार्टी और संगठन को मजबूत करने और विस्तार करने की थी। सभी सामजवादी इस बात से एकमत नजर आ रहे थे कि अब समय आ गया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को देश के अन्य प्रांतों का भी दौरा करना चाहिए साथ ही साथ सरकार के विकास कार्यक्रमों का जमकर प्रचार – प्रसार भी करना चाहिए।

पार्टी को सर्वाधिक चिंता इस बात की हो रही है कि हैदराबाद के सांसद असदुदीन औवेसी की यूपी में सक्रियता बढ रही है। समाजवादी पार्टी को सर्वाधिक चिंता है कि कहीं उनकी पार्टी मजलिस- ए- अत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) कहीं विधानसभा चुनावों मे मुस्लिम मतों का विभाजन न करा दे। यही कारण रहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने इस खतरे का संकेत देते हुए औवेसी की पार्टी पर तीखा हमला बोला। अहमद हसन ने कहा कि ओवैसी को आम मुस्लिम मतदाता भाजपा का एजेंट मानते हैं।वह केवल यूपी में वोट काटने आ रहे हैं। इससे हम लोगों को होशियार रहना है। पहले की सरकारों में आजमगढ़ को आतंकवाद की फैक्ट्री बताया जाता रहा । आतंकवाद के नाम पर बेगु नाह मुस्लिमों को बंद किया जाता था। सपा मुखिया व मुख्यमंत्री ने एक भी बेगुनाह को जेल नहीं जाने दिया। औवेसी पर बोलते हुए उन्होने कहा कि इसे यूपी में रोकने का काम समाजवादियों को करना है।

उक्त सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने मंत्री मनोज पांडेय की सराहना करते हुए कहा कि इन सबने पुराने समाजवादियों को एकत्र करने का सराहनीय कार्य किया है। इससे निश्चित रूप से पार्टी को एक नयी दिशा मिलेगी। इस अवसरपरमंत्री मनोज पांडेय ने कहा कि डा. लोहिया, जनेश्वर मिश्र, जयप्रकाश नारायण आदि का दिखाया रास्ता आज भी प्रासंगिक है। समाजवादियों ने हमेशा संघर्ष का मार्ग अपनाया है और संघर्ष के बल पर कभी समाजवादी झण्डे को झुकने न देंगे। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति कलाम को भी याद किया गया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कुछ ताकतें समाजवादी आंदोलन को भटकाना चाहती हैं। उन्होनें पूंजीवाद के खतरों के प्रति भी आगाह किया। साथ ही गरीबों को जल्द इलेक्ट्रानिक रिक्शा देने का ऐलान भी किया।

उक्त सम्मेलन में दावा किया गया कि अखिलेश यादव पूरे देश के सबसे बेहतर सीएम हैं। साथ ही बुजुर्ग समाजवादियों ने विचार व्यक्त करते हुए कहाकि देश की जनता ने राहुल गांधी को जनता ने नकार दिया है। अगले दस साल तक मोदी हैं। अतः अब भविष्य में होने वाले चुनाव मोदी बनाम अखिलेश का विकास होगा। एक प्रकार से मुख्मंत्री अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल कराने की तैयारी भी हो रही थी। उक्त सम्मेलन में जिन समाजवादियों को सम्मानित किया गया उसमें इंदौर के कल्याण जैन,आंध्र प्रदेश से वी. शरद पित्ती,केरल से ज.े एंटोनी,नई दिल्ली से शंकर सुहैल,गुजरात से वेजली भई नकुल,बिहार से जगप्रकाश नारायण,बंगाल से किरनमय नंदा,मप्र से रामबाबू अग्रवाल,बिहार से राजकुमार सिंह, अहमदाबाद से शरद अग्रवाल, मप्र से वी के बोहरे ,गाजियाबाद से महबूब लारी ,बस्ती से राजमणी पांडेय , महाराष्ट्र से चितरंजन स्वरूप, लखनऊ से के विक्रमराव, भगवती सिंहक्र दाऊजी गुप्ता, दिल्ली से कुरबान अली,आगरा से रामजीलाल सुमन, उत्तराखंड से विनोद बर्थवाल, रायबरेली से छविनाथराय।

इसी बीच समाजवादी पार्टी अब मुस्लिमों का वोट प्राप्त करने के लिए पूरी ताकत झोकने जा रही है। इसलिए प्रदेश की समाजवादी सरकार ने प्रदेश में उर्दू अध्यापकों की भर्ती को मंजूरी प्रदान कर दी है। साथ ही पूरे प्रदेश में समाजवादी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए कौन कौन से कल्याण कार्यक्रम चलाये हैं इस बात की जानकारी देने के लिए अल्पसंख्यक सम्मेलन भी करने जा रही है। समाजवादी नेता अपने आप को सुपर मुस्लिम हितैषी होने का दावा कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम वोट पाने की हद तो तब कर दी जब मुम्बई बम धमाकों के आतंकी याकूब मेनन के समर्थन में टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर बयान देना प्रारम्भ कर दिया। समाजवादी पार्टी ने पंचायत चुनावों और विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए साइकिल यात्रा के माध्यम से सरकार के कामकाज का चुनाव प्रचार भी करना प्रारम्भ कर दिया है। समाजवादी पार्टी का दावा है कि पंचायत चुनावों में भाजपा सहित अन्य दल काफी दबाव मंें हैं। यही कारण है कि आजकल अब समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हर बात पर केंद की सरकार और पीएम मोदी पर हमले बोल रहे है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के विकास के लिए तमाम तरह की घोषणाएं तो की हैं तथा नौकरियों का पिटारा खोलकर अपने तेवर दिखायें हैं लेकिन उनके मन में एक संशय भी उभर रहा है कि अगर उनकी सरकार की ओर से घोषित परियोजनायें समय पर पूरी नहीं हुयी तो जनता का भरोसा उठने में देर भी नहीं लगेगी। इसीलिए समाजवादी सरकार अब जहां अपने काम के चुनाव प्रचार में जुट गयी हैं वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं को नसीहतें भी दी जा रही हैं। सामजवादी पार्टी के सम्मेलनों में समाजवादी नेताओं की भाषा पूरी तरह से बेलगाम होती जा रही है उन्हें नहीं पता कि वे क्या कर रहे हें हैं और क्या कह रहे हैं तथा उसके दूरगामी परिणाम कितने गंभीर हो सकते हैं। हर सपा नेता अपने आप को मुस्लिम हितैषी साबित करना चाहता है और उनकी गुडबुक आनाचाहताहै इसलिए तो पीएम मोदी से लेकर योगी आदित्यनाथ जैसे तमाम नेताओं के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग तो कियाही जा रहा है साथ ही साथ उन्हें आतंकवादी तक कहा जा रहा है।सपा नेता अपने भाषणाों में केवल गुजरात दगंों को ही आधार मानकर पीएम मोदी को बार बार अपमानित कर रहे हैं तथा मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं। सपाई कह रहिे हें कि अब जनता साम्प्रदायिक ताकतों को समझ च्ुाकी है लेकिन जनता समाजवादी अखिलेश के खोखले दावे और भ्रष्टाचार की असलियत भी जान चुकी है। सपाई इस भूल में न रहे कि अगली बार फिर सपा सरकार।

– मृत्युंजय दीक्षित