आ तुझे पलना झुलाऊं…
आ तुझे पलना झुलाऊं लाडले
तुझको सीने से लगाऊं लाडले।
मेरे बिन तुझको नही आयेगी नींद
आ तुझे लोरी सुनाऊं लाडले॥
चांद को बोलूं खिलौना दे तुझे
चांदनी अपनी बिछौना दे तुझे।
परियों से कह दूं उठाकर गोद में
खुशियों का सपना सलौना दे तुझे॥
नींद पलकों पर सजाऊं लाडले…..
आ तुझे लोरी सुनाऊं लाडले….
बादलों की मैं चुनरिया ओढकर
टिमटिमाते तारे सारे तोडकर
तेरे सपनों का सजा दूं मैं जहां
निदिंयां रानी आये सबको छोडकर॥
जुगनुं की चादर उढाऊं लाडले……
आ तुझे लोरी सुनाऊं लाडले…..
देखो लेकर तितलियों के रंग सारे
आ रही है निन्दियां बांहों को पसारे।
झुक गयी पलकें हुई बोझल जरा सी
नींद की परियां चली आंखों के द्वारे॥
चूम कर माथा सुलाऊं लाडले…….
आ तुझे लोरी सुनाऊं लाडले…..
सतीश बंसल