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जन चेतना कार्टून पोस्टर प्रदर्शनी ‘खरी-खरी’ के 30 वर्ष पूरे होने पर लखनऊ में भव्य प्रदर्शन

लखनऊ (भारत)। यहां 14 नवम्बर, 2015 को दिल्ली के श्री किशोर श्रीवास्तवlko 2 द्वारा तैयार की गई जन चेतना कार्टून पोस्टर प्रदर्शनी ‘खरी-खरी’ के 30 वर्ष पूर्ण करने के अवसर उसका बाल दिवस के उपलक्ष्य में ‘‘हमराह फाउंडेशन’’ के सौजन्य से भव्य आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के निदेशक डॉ. सुधाकर अदीब और अध्यक्षता वरिष्ठ व्यंग्यकार और अट्टहास पत्रिका के संपादक श्री अनूप श्रीवास्तव ने की। इस अवसर पर स्वच्छ भारत विषय पर अनेक बच्चों को एक चित्रकला प्रतियोगिता के ज़रिये पुस्कृत भी किया गया. समारोह का संचालन टीवी एंकर कु. विपनेश माथुर (नॉएडा) ने किया और आभार व्यक्त किया संस्था की अध्यक्ष श्रीमती रीता प्रकाश ने।
इस अवसर पर डाॅ अदीब ने श्री किशोर की व्यंग्य चित्रकारी, गायन, अभिनय आदि क्षेत्रों की प्रतिभाओं का जि़क्र करते हुए उन्हें बहुमुखी प्रतिभा का धनी कलाकार बताया और कहा कि उनकी प्रदर्शनी के कार्टून केवल हंसाते या गुदगुदाते ही नहीं हैं अपितु वे संदेशपरक भी हैं जिनकी आज हमारे समाज में बहुत ज़रूरत है।lko 2A
कार्यक्रम के अध्यक्ष पद से बोलते हुए श्री अनूप श्रीवास्तव ने जन जागरूकता के लिये ऐसी प्रदर्शनियों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से श्री किशोर द्वारा दहेज़, जातपात, कन्या भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, परिवार नियोजन, सांप्रदायिकता, पर्यावरण, यौन उत्पीड़न और भाषा आदि संबंधी उठाये गये मुद्दे इस प्रदर्शनी को एक मिशन का रूप देते हैं।
इससे पूर्व इस प्रदर्शनी के बारे में बोलते हुए संस्था के पदाधिकारी श्री आशीष मौर्य ने बताया कि इस प्रदर्शनी के अब तक सौ से भी अधिक प्रदर्शन दिल्ली सहित झाँसी, ललितपुर, साहिबाबाद, मथुरा, आगरा, देवबंद, खुर्जा, गाजियाबाद, बिजनौर, गोरखपुर (उ.प्र.), अंबाला छावनी (हरियाणा), जबलपुर (म.प्र.), शिलांग (मेघालय), बेलगामlko 4 (कर्नाटक), सोलन (हि.प्र.), हिम्मत नगर (गुजरात), नांदेड, कोल्हापुर, मंुबई (महाराष्ट्र), भरतपुर, राजसमन्द, सलूम्बर, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान), खटीमा (उत्तराखंड), पटियाला (पंजाब) और गंगटोक (सिक्किम) में हो चुके हैं। और इसे कई राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत भी किया जा चुका है।
इस अवसर पर लखनऊ के कला प्रेमियों सहित फेसबुक, वाट्सअप और टयूटर आदि सोशल साइट्स से जुड़ी देश के विभिन्न स्थानों की अनेक कलाप्रेमी हस्तियां भी उपस्थित थीं, जिनमें सर्वश्री राम प्रकाश वर्मा (कानपुर), नवीन शुक्ला (झाँसी), राकेश श्रीवास्तव (इलाहाबाद), पूजा श्रीवास्तव (कानपुर), कादम्बिनी पाठक (दिल्ली), सुमन श्रीवास्तव (बाराबंकी), मीता राय (गाजि़याबाद), जीतेन्द्र चतुर्वेदी (बहराईच), अनुराग मिश्र गैर (लखनऊ), अरुण नागर (उरई), आशा पांडे ओझा (माउन्ट आबू), पूनम प्रकाश शुक्ल (मुंबई), आशीष मोर्य, अनुराग अस्थाना, अमित सक्सेना (लखनऊ) और रचना श्रीवास्तव (इलाहाबाद) आदि के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं।