छुक छुक रेल चलायें
आओ बच्चे तुम्हे खेलायें छुक छुक रेल चलायें कोई बने ईंजन तो कोई बने डब्बे एक दुसरे के पिछे लग
Read Moreआओ बच्चे तुम्हे खेलायें छुक छुक रेल चलायें कोई बने ईंजन तो कोई बने डब्बे एक दुसरे के पिछे लग
Read Moreथक गया हूँ सुन-सुनकर कि ये त्योहार ना मनाओ, वो त्योहार ना मनाओ। दीवाली में पटाखे मत चलाओ, प्रदूषण होता
Read Moreआओ सारे खुशी मनाएँ मिलकर थोड़ा हँसें-हसाएँ मिटा के दिल की रंजिश सारी दुश्मन को भी गले लगाएँ कटुता में
Read Moreतुम नहीं आओगे हाँ ! तुम नहीं आओगे अभी इन्तजार लंबा है , निरंतर तुम खुद को ही झुठलाओगे हाँ
Read Moreचलो आज फिर से वो बचपन बिता लें परे किसी तख्ते का बल्ला बना लें भरी दोपहरी में सभी को बुला लें चलो
Read Moreनन्हे कपकपाते हाथ से फाड़ ही डाले उसने अपने काॅपी के दो पन्नें फिर न जाने कितने तिकोने में मोड़
Read Moreहमारे नए घर में सब से पहले बुआ फुफड़, उन के तीनों बच्चे जिन्दी निंदी और उन की बहन सुरिंदर
Read Moreओ३म् –ऋषि दयानन्द जन्मभूमि टंकारा में ऋषि बोधोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम- इस वर्ष हमने महर्षि दयानन्द की जन्म भूमि टंकारा
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