ग़ज़ल
भीख की बू आती है तेरी इनायतों से हम दूर ही अच्छे तेरी सियासतों से प्यार भरी नजर भी लगती
Read Moreपाप गठरी सिर धरे, गंगा नहाने आ गए। सौ जनम का मैल, सलिला में मिलाने आ गए। ये छिपे रुस्तम
Read Moreकभी कभी तो पतझड़ भी, पुलकित करता है वन उपवन कभी कभी तो बिन बरखा, दिल झूम के गाता है
Read Moreचारों अभी भी पक्के दोस्त थे।बचपन से ही सहपाठी रहें हैं ,इससे स्टेटस की भिन्नता के बावजूद मित्रता बरकरार थी।
Read Moreओ३म् मनुष्य के जीवन का मुख्य उद्देश्य सभी प्रकार के दुःखों से मुक्ति व मोक्ष की प्राप्ति है। मुक्ति व
Read Moreमेरे गीत तुम्हारा वंदन इन गीतों को मुखरित कर दो | निज उष्मित अधरों के स्वर दे इन गीतों में
Read Moreहरि अनंत हैं और सृष्टि अनंत हैं | इस अनंतता के वर्णन में कोई भी सक्षम नहीं है | परन्तु
Read Moreआज शैतान मोनी बन्दर को सुबह से ही बहुत मजा आ रहा था. आखिर १ अप्रैल जो आने वाला था.
Read Moreबुरा न मानों होली है…..जोगीरा सररररर………. होली में हुड़दंग मिला है, जश्न धतूरा भाँग….. रंग गुलाबी गाल लगा है, खूब
Read Moreश्री श्री रविशंकर की आर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था का ‘वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल’ नाम से शुरू हुआ दिल्ली के यमुना तीर
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