इरादे फौलादी हैं
इरादे फौलादी है मुट्ठी में तूफान रखते है
गगन से ऊँची अपनी हस्ती है सम्मान रखते है
बहेगा खून का अंतिम कतरा भी देश की खातिर
तिरंगा है नज़र में दिल में हिन्दुस्तान रखते है॥
उठी आँखें जो दामन पर वो आँखें फोड देगें माँ
उठेे जो हाथ दामन पर उन्हें हम तोड देगे माँ
झुकायेगा हमारा सर कोई क्या इस जमाने में
अगर तूफान भी आया रुख उसका मोड देगें माँ॥
तेरे सम्मान से प्यारा ये जीवन हो नही सकता
अगर माँ हो परेशां तो फिर बेटा सो नही सकता
हमारा तन हमारा मन ये जीवन तुझसे है ऐ माँ
तेरी ममता से प्यारा दुनियाँ में कुछ हो नही सकता॥
जरुरत गर पडी तो जीवन तुझ पर वार देगें माँ
करेगा जो गद्दारी उसको जग से तार देगें माँ
छुआ दामन किसी ने गर तेरा नापाक हाथों से
उसी पल सर हम उसका धड से अलग उतार देगें माँ॥
सतीश बंसल
बढ़िया !