रसगुल्ला तो बस है मेरा
बंगाल और ओडिशा लड़ रहे लड़ाई,
एक कहे रसगुल्ला मेरा है,
दूजा कहे तेरा कैसे हो गया,
जा परे रसगुल्ला मेरा है,
क्यों करते आपस में लड़ाई!
कोर्ट में जा करते हो हंसाई!
व्यर्थ में पैसा खर्च हो रहा,
समय सभी का नष्ट हो रहा,
दावे यहीं धरे रह जाएं,
आओ झगड़े को निपटाएं,
रसगुल्ला इसका ना उसका,
रसगुल्ला तो बस है मेरा.
बहन जी प्रणाम बहुत सुंदर सृजन
बहन जी प्रणाम बहुत सुंदर सृजन
हा हा हा हा ! सूत न कपास, जुलाहों में लट्ठम लट्ठा !
अब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच सिंधु की उपलब्धि का श्रेय लेने की होड़ चल रही है। दोनों ही राज्यों ने सिंधु को अपना बताते हुए उन पर इनामों की बरसात कर दी, जो अब भी जारी है। इस खींचतान के बाद सिंधु की मां और उनके कोच गोपीचंद ने कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की बेटी होने से पहले सिंधु भारत की बेटी हैं और उन्हें एक भारतीय के तौर पर देखा जाना चाहिए।
अब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच सिंधु की उपलब्धि का श्रेय लेने की होड़ चल रही है। दोनों ही राज्यों ने सिंधु को अपना बताते हुए उन पर इनामों की बरसात कर दी, जो अब भी जारी है। इस खींचतान के बाद सिंधु की मां और उनके कोच गोपीचंद ने कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की बेटी होने से पहले सिंधु भारत की बेटी हैं और उन्हें एक भारतीय के तौर पर देखा जाना चाहिए।
क्या खूब रची आपने बस मजा आ गया ।
दो बिल्लियों के बिच रार याद आ गया ।
बन्दर ने किया तभी वो उनका फैसला ‘
और थोड़ी थोड़ी करके सारा खुद ही खा गया ।।
श्रद्धेय बहनजी ! बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो पढ़कर मुझे बिल्ली की कहानी याद आ गयी । अभी अभी एक कविता पूरी किया था और आपकी यह कविता पढ़ने को मिली सो उसी रौ में प्रतिक्रिया लिख दी । धन्यवाद !
प्रिय राजकुमार भाई जी, हमें भी इसी कहानी की याद आ गई थी. आज का ब्लॉग इसी पर केंद्रित होने की संभावना है. एक काव्यमय, अप्रतिम, सटीक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
हा हा ,जितने पैसे कोर्टों में खराब करने हैं, उन पैसों के रस्गुले गरीबों को खिला दें तो बेहतर होगा .
प्रिय गुरमैल भाई जी, क्या ग़ज़ब की बात कही है! एक सटीक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.