ग़ज़ल
मेरी बेचैनी ज़ुबां पा गई तो क्या होगा, दिल की बात लब पे आ गई तो क्या होगा मैंने आँसू
Read Moreहमारे पास आना चाहिये था. उसे कुछ तो बताना चाहिये था. सही लगता वो चाहे चूक जाता, निशाना तो लगाना
Read Moreआज कलम चलने लगी है बेटी के अधिकार में, क्योंकि हार ज़माने की है हर बेटी की हार में, मैं
Read Moreपुर्व कथा सार : हम कुछ मित्र मुंबई से ट्रेन द्वारा जम्मू और फिर बस द्वारा कटरा पहुंचे । बाणगंगा
Read Moreआशुतोष वर देते, सारी पीड़ा हर लेते, सुरासुर देव शिव, सर्वहितकारी है | तन पे लगाएं भस्म, शिखर सजाएं चन्द्र,
Read Moreबीबी का हस्पताल में इलाज होने लगा। हर एक किस्म के टेस्ट हुए और इलाज शुरू हो गया। कुछ दिन
Read Moreकितने क्षण और हैं तेरी प्रतीक्षा केे, रात्री की निद्रा पर अंकुश सा लग गया है, प्रेम के कारण मैं तुम्हें
Read Moreतेरे साथ जो बीता बचपन कितना सुन्दर जीवन था, ख़ूब लड़ते थे फिर हँसते थे कितना सुन्दर बचपन था, माँ
Read More