गीत : मन से मन मिलना अब सबसे मुश्किल है
मन से मन मिलना अब सबसे मुश्किल है ॥
अपनों से चोरी रखते गैरों से मिलते
भेद-भाव की खेती कर, हैं उगते-खिलते
दिल से दिल मिलना अब सबसे मुश्किल है ॥
मूक बधिर की सेना है लड़ने को तत्पर
दिवस हुआ बेचैन मौन साधे है दिनकर
सुख से सुख लिखना अब सबसे मुश्किल है ॥
गुणवत्ता खोई भाती है लीपा -पोती
खरी -खरी सुनने मॆं हैं आशायें रोती
सूरज -सा दिखना अब सबसे मुश्किल है ॥
अति मनोहारी गीत.
बहुत अच्छा गीत !
बहुत अच्छा गीत !