सरस्वती वंदना
जय जय जय हे मात भवानी
पुस्तक धारिणि देवी ब्रह्माणी-
1.सात सुरों की निर्झर वाहिनि
कैसे तुझको पाएं अज्ञानी-
2.क्षीण जनों में शक्ति भर दे
मधुर सुरों से भक्ति भर दे-
3.झंकृत कर मन वीणा पाणि
सुंदर वर दे हे वर दायिनि-
4.भारत को मां एक बना दे
हम बच्चों को नेक बना दे-