Month: December 2017

गीतिका/ग़ज़ल

चाँद सूरज फूल में बस यार का चेहरा मिला

हर सुबह रंगीन अपनी शाम हर मदहोश है वक़्त की रंगीनियों का चल रहा है सिलसिला चार पल की जिंदगी

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सामाजिक

लेख– सरकारी विज्ञापनों पर ख़र्च और मूलभूत सुविधाओं से वंचित समाज

आरटीआई के ज़रिए सरकारी मद के ख़र्च करने का मामला प्रकाश में आया है। उसने वर्तमान दौर में बहुतेरे सवाल

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