/ शुभोदय /
एक दूसरे से हम
हर दिन बोलते हैं शुभोदय
वास्तव में
शुभ व अशुभ का
नहीं होता कभी सूर्य का उदय
और अस्त
यह मन की है उम्मीद
हमारे परिजन भी
सुखी संपन्न रहने का
हम खूब जानते हैं
कि मति बिना गति नहीं
गति मति के अनुसार चलती
मति ही जीवन है,
शुभोदय बोलने की
हमारी यह परंपरा हमें
एक दूसरे के साथ भर देता है
प्रतिकूलता को भी
सामना करने की मनोबल संपन्नता
और मानते हैं हम
एक दूसरे की श्रेष्ठता, सहभागिता
जिंदगी की इस लंबी यात्रा में।