सोच अपनी-अपनी
दो व्यक्ति प्रातःकाल सैर कर रहे थे.
दो व्यक्तियों के साथ श्वान भी सैर कर रहे थे.
एक व्यक्ति के श्वान ने भौं-भौं की, दूसरे व्यक्ति के श्वान ने भी.
सैर कर रहे व्यक्तियों में से एक ने कहा, ”देखा श्वान श्वान को सह नहीं पा रहा!” पहले की सोच मुखर थी.
”एक-दूसरे का अभिवादन करने का इससे श्रेष्ठ तरीका इनके पास और कौन-सा है!” दूसरे की सोच थी.