महोत्सव
बड़ी धूमधाम से आजादी का अमृत महोत्सव मनाएंगे ,
गली – मोहल्लों में भारत के शूरवीरों की गाथा गाएंगे।
सत्य , अहिंसा , प्रेम के पुजारी बापू का दर्शन हम अपनाएंगे ,
बैरी ना माने तो आजाद बनकर दिखलाएंगे ।
मातृभूमि की रक्षा से बढ़कर अब न कोई दूजा कार्य होगा ,
घर – घर जाकर तिरंगे का महत्व बतलाएंगे ।
महाराणा प्रताप , शिवाजी की शौर्य की कहानियांँ बच्चों को सुनाएंगे ,
महापुरुषों से सीख लेकर जीवन को उज्ज्वल बनाएंगे ।
आंधी तूफानों में भी ! हम चेतना प्रकाश का दीप जलाएंगे ,
जन – जन में ख़ुशियांँ लाएंगे।
— चेतना प्रकाश चितेरी