उड़ी पतंग!
लहराती पतंग झूम-झूम,
नीले आसमां को चूम-चूम,
बादलों संग इतराती,
इधर-उधर, नाचे घूम-घूम।।
साथियों संग गुनगुनाती,
डोर संग सहर्ष बंध जाती,
उड़ी उड़ी पतंग देखो ऊँची,
सुन्दर, रंगबिरंगी, इठलाती।।
धूम मचाओ मिलजुलकर,
जिओ सदा खिलखिलाकर,
कहती पतंग, साथ न छोड़ो,
पथ पथरीला, चलो संभलकर।।
जीवन हैं छोटा सा जानो,
एकता में बल हैं, मानो,
आज का आनंद,भविष्य उज्जवल ,
जीवन का सौंदर्य पहचानो।