कविता

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन आता है हर वर्षश्रावणमास की पूर्णिमा को,भाई बहन के रिश्तों को नव आयाम देने के लिए,रक्षा के बंधन को मजबूत करने के लिए,बहन भाई के पुनर्मिलन का अवसर बनकरबहन की राखी में बंधकर भाई कीजिम्मेदारियों को और बल देने के लिएउसे विस्मृत न होने देने के लिए।रक्षाबंधन बड़ा अनमोल होता हैजाति धर्म के बंधनों से मुक्तएक भाव भरा अधिकार विश्वास होता हैजिससे बहनों को अपार खुशी मिलती है,तभी तो वो अपने भाई की कलाई परअमिट विश्वास के साथ नेह मिश्रित रक्षासूत्र काअटूट रक्षा-बंधन अपने भाई की कलाई पर बांधकरनिश्चिंत हो इठलाती, मुस्कुराती है।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921