देश गान
क़ताः मुबारक हो तुम्हें ये शुभ घड़ी,तुमको बधाई है ।
सलामत तू रहे,दिल से मेरे आवाज़ आई है ।।
तेरा गुलशन सदा आबाद रहे, मेरे वतन ।
प्यार की ख़ुशबू से दिल शाद रहे मेरे वतन ।।
तेरा गुलशन सदा……..
किसी दुश्मन की बदनज़र न पड़े तुझ पे कभी ।
तेरी सीमा भी निर्विवाद रहे , मेरे वतन ।।
तेरा गुलशन सदा…….
तेरे खेतों में हरे रंग की बहार रहे ।
अन्न का कोई न अवसाद रहे,मेरे वतन ।।
तेरा गुलशन सदा……..
हिन्दू मुस्लिम व इसाई ओ सिक्ख मिल के रहें।
फ़िर्क़ादारी से तू आज़ाद रहे, मेरे वतन ।।
तेरा गुलशन सदा…….
बोस ,बिस्मिल ,गुरु ,अशफ़ाक,भगत,मंगल की ।
तेरे बच्चों को सदा याद रहे, मेरे वतन ।।
तेरा गुलशन सदा…….
दिल में हसरत है यही,तुझ पे फ़ना हो जाऊँ ।
नाम मेरा भी मेरे बाद रहे, मेरे वतन ।।
तेरा गुलशन सदा……..
आसमाँ पे तेरे ये ‘ भान ‘ चमकता ही रहे ।
तू ज़िन्दाबाद ,ज़िन्दाबाद रहे ,मेरे वतन ।।
तू ज़िन्दाबाद,ज़िन्दाबाद रहे…… ..
०००
उदय भान पाण्डेय ‘ भान ‘
देश प्रेम की महान कविता ,बहुत अच्छी लगी.
वाह वाह !
निसार मैं तेरी गलियों पे ए वतन जहाँ।
चली है रस्म कि कोई न सिर उठा के चले।