शीर्षक मुक्तक “वंश/परिवार/कुटुंब”
वंश बेल ज्यो ज्यो बढ़ें त्यों त्यों बढ़ें विधान
दृढ ममता समता उगे छा जाए सकल जहान
शुद्ध बुद्धी धन ज्ञान रहें स्वास्थ संग कल्याण
संस्कार सदा शुभाचरण कुल राचे कृपानिधान ||
महातम मिश्र
वंश बेल ज्यो ज्यो बढ़ें त्यों त्यों बढ़ें विधान
दृढ ममता समता उगे छा जाए सकल जहान
शुद्ध बुद्धी धन ज्ञान रहें स्वास्थ संग कल्याण
संस्कार सदा शुभाचरण कुल राचे कृपानिधान ||
महातम मिश्र
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बहुत बढ़िया
सादर धन्यवाद आदरणीया सुश्री विभारानी श्रीवास्तव जी, आभार महोदया