हास्य व्यंग्य

कल रात मेरी बीवी ने बहुत मारा

कल रात मेरी बीवी ने मुझे बहुत मारा
पिटता रहा मैं आखिर क्या करता बेचारा
क्योंकि हुआ आखिर ये
की एक शरीफ पति को उसने समझ लिया आवारा
बात ये हुई की
कल रात मेरी कविताये उसके हाथ लग गयी
उसके मन मन्दिर में जैसे आग लग गयी
बोली कोन है वो जो तुम्हारे शब्दों में रहती है
पास तो मैं हूँ तुम्हारे पर दिल में कोई और रहती है
मैं बोला ऐसा कुछ नही है भागवान
तुम्ही हो मेरी प्राणप्रिय और तुम्ही हो मेरी जान
मैं किसी और को रखूंगा दिल में
ऐसा सोच भी कैसे सकती हो
तुम्ही में तो बसे हैं मेरे ये निकलते प्राण
बहुत हाथ जोड़े तब उसकी समझ आया
मार्किट से उसको 1 साडी और 1 सूट दिलवाया
बोली अब न किचन में कभी बेलन अब मैं रखूंगी
लिखो जितनी कविताये लिखनी है
अब न कभी तुम्हे मैं रोकूँगी
पर दर्द हो रहा है पूरे बदन में अभी तक
आखिर क्यों मेरी बीवी ने मुझे बहुत मारा

महेश कुमार माटा

नाम: महेश कुमार माटा निवास : RZ 48 SOUTH EXT PART 3, UTTAM NAGAR WEST, NEW DELHI 110059 कार्यालय:- Delhi District Court, Posted as "Judicial Assistant". मोबाइल: 09711782028 इ मेल :- [email protected]

4 thoughts on “कल रात मेरी बीवी ने बहुत मारा

  • विजय कुमार सिंघल

    हा हा हा हा ! बढ़िया हास्य कविता !

    • महेश कुमार माटा

      आभार विजय जी

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    हा हा , पिटने से बचने का फार्मूला अच्छा निकाला .

    • महेश कुमार माटा

      Hahahaha…

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