तेरा प्यार
हौसले सारे मिट जाऐंगे किश्तों में
वो बात ही जब ना रह जाऐगी रिश्तों में
पतझड़ को अब, तू बहार समझता है
कर के मुझ को दूर,तू प्यार समझता है
जो मै सोच नहीं सकता, तू बुन लेता है
सवालों के उत्तर, खुद ही चुन लेता है
तुझे जो सोचते गुजरी उन रातों पे
बस हस लिया तूने मेरी बातों पे
तूझे यूँ चाहना हम दम मेरी आदत है
तेरा जो प्यार पाया हूँ मेरी इबादत है
तेरे हाथों की दुआओं में ही मेरी हस्ती है
तेरे चेहरे के रौनक पे मेरी दुनिया ये बस्ती है
दिल और मन से अपने वो साफ ना करना
उस रोज़ की गलती को मेरी माफ़ ना करना
आज नम आँखों से ये बात निकलती है
तेरा हूँ सोच के ही खुशियाँ मिलती है
जिन्दगी भ्रम है एक दिन सबको जाना है
तूझे चाहते चला जाऊ बस यही तमन्ना है
– डॉ० शरदेन्दु कुमार त्रिपाठी,
लखनऊ
mobile no. 8299546343