गीत/नवगीत

सरस्वती वंदना

जय जय जय हे मात भवानी
पुस्तक धारिणि देवी ब्रह्माणी-

 
1.सात सुरों की निर्झर वाहिनि
कैसे तुझको पाएं अज्ञानी-

 
2.क्षीण जनों में शक्ति भर दे
मधुर सुरों से भक्ति भर दे-

 
3.झंकृत कर मन वीणा पाणि
सुंदर वर दे हे वर दायिनि-

 
4.भारत को मां एक बना दे
हम बच्चों को नेक बना दे-

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244