कविता – खुशी के कारण बहुत मिलेंगे
खुशी के कारण बहुत मिलेंगे
कभी किसी की खुशी का कारण बनो,
जो बांटोगे वही मिलेगा
दुख बांटो या सुख बांटो।
प्रेरणा दूसरों के जीवन की बनो,
ले सबको साथ आगे बढ़ो,
जब साथ, एक-दूजे का हो,
तो कोई दुख कहां पर ठहरे।
खोलो इंसानियत का खाता,
जिस खाते में हो प्यार भरा,
लुटाओ ये प्यार फिर दुनिया पर,
तब भरता रहे ये, ऐसे ही सदा।
जब तुम सबसे प्यार करो,
और सब आपस में मिलकर रहें,
स्वर्ग यही है जीवन का,
कोई डर दिलों में न फिर रहे।
समाज में रहना जब इंसान को,
तब क्यों न समाज ये उन्नत बने,
बस प्रेम और त्याग की भाषा हो,
मिलजुल कर रहें और आगे बढ़ें।
ऊंच-नीच का न भेद करो,
हर इंसान में है रब बसता,
सोच ये जब आ जायेगी,
स्वर्ग बन जायेगी ये धरा।
खुशी के कारण बहुत मिलेंगे
कभी किसी की खुशी का कारण बनो,
जो बांटोगे वही मिलेगा
दुख बांटो या सुख बांटो।
— सीए सुनील गोयल