हरितालिका तीज
भाद्रपद शुक्ल पक्ष तृतीया को
हरितालिका तीज मनाते हैं
आओ सखियां शिव शंकर की
हम पावन महिमा गाते हैं।
अखंड सौभाग्य का व्रत है यह
इसकी की महिमा अपरंपार है
शिव परिवार को समर्पित यह
खुशियों का त्योहार है।
माथे पे बिंदिया मांग में सिंदूर
कंगन चूड़ी मेंहदी सजाकर
सुहागिनों के चेहरे खुशी से चमके
मांगें सुहाग शिव को मनाकर
कठिन व्रत है शिव शंकर जी की
दिन रात निराहार निर्जला रहती
प्रेम भक्ति का अनोखा संगम है
सारी सखीयाँ उत्साह में रहती
सोलह शृंगार माँ पार्वती को चढाती
गुझिया खजूर पकवान बनाती
धुप बत्ती सुगंधित कर प्रीत जगाकर
सब सखिया मंगल गीत गाती
पान फूल फल अर्पण करती
गौरी शिव का वंदन करती
शिव के चरणों में शीश झुकाकर
अपने पिया की लंबी उम्र की
मनोयोग से कामना करती
मनोरम दृश्य छटा मनमोहक होती
अंबर देख घटा घनघोर बरस जाते
मानो हम सब पर कृपा बरसाने
शिव शंकर आज धरती पर आते
— ममता सिंह