कविता

महिला दिवस

शक्ति का रूप है नारी,
प्रेम की छाँव है नारी,
ठंडी हवा का प्यार है नारी,
सेवा का भाव है नारी,
विस्वास का नाम है नारी,
कठिन समय में सही रह दिखती है नारी,
प्यार का भाव जगती है नारी,
हर रूप में हर हाल में खुश रहती है नारी,
सबको खुशिया देती है नारी,
जीवन का नया पाठ  पढ़ाती है नारी,
जीवन अधूरा है नारी बिन,
सबको राह  दिखाने वाली लुटती है नारी,
क्यों है इसके सब दुश्मन,
क्यों छीन लेते है इसकी खुशिया,
प्यार और दुलार क्यों नहीं मिलता,
शक्ति को इसकी पहचान नहीं मिलता,
जीवन में खुशिया है नारी संग,
नारी तू पहचान अपने में,
शक्ति को जान अपने में,
खुशिया है अपार तेरे में,
कोटि कोटि प्रणाम है तुझको।।
— गरिमा लखनवी

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384