कविता

होली

होली का त्यौहार ,फाल्गुन माह में मनाया जाता है
भक्त प्रहलाद के भक्ति के हम गुन गान गाते है
नरसिंह का रूप धर हिरण्यकश्यप को मारा था
रंगों का त्यौहार, होली खुशियों की सौगात होली है
आओ सब मिलकर होली का पर्व मानते है
भर भर लाल ,गुलाब और अबीर उड़ाते है
भर भर पिचकारी ,होली में सबको भिगोते है
आयी देखो हुदरंगो की टोली,सब मिल खेले होली है
रंगों का त्यौहार लाया, जीवन में खुशी अपार है
घर में बने पकवान, मिलकर सब आनंद उठाते है
आपस में रखे भाई चारा, दुश्मनी की मिटाते है
नाचें सब नर नारी, ढोल मंजीरों की थाप पर है
होली की ठिठोली में सब मदमस्त हो जाते है
आया देखो रंगों का त्यौहार मन में उठी उमंग हजार है
होली खेले कृष्ण कन्हैया, राधा रानी सँग है
सब तरफ उड़े रंग,गुलाल होली का महोत्सव है
मिटाकर सब भेदभाव, गले सब मिल रहे है
जल गई नफरत की होली,अब सब मिलजुल खेले होली है
प्रेम,एकता का संदेश, देती होली रंगों का त्यौहार होली है

— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश