फिल्म ” द केरला स्टोरी” से क्या समझें ?
शालिनी उन्नीकृष्णन नर्सिंग कॉलेज में दाखिला लेती है जहां उसकी रूम मेट होती हैं.. गीतांजलि, नीमा मैथ्यूज और आसिफा!
शालिनी एक धार्मिक परिवार से है जिसके परिवार में मां और दादी है, गीतू के पिता एक कम्युनिस्ट है तो नास्तिक होने के कारण किसी भगवान को नहीं मानते, वही प्रभाव गीतू पर भी है!
नीमा एक क्रिश्चियन लड़की है और उसका जीसस पर पूरा विश्वास है, जबकि दोनो हिंदू लड़कियों को अपने धर्म के बारे में कुछ भी नही पता और इसी का फायदा उठाती है आसिफा जिसका काम है लड़कियों को बहला फुसला कर अपने मजहब में ला कर जिहाद करना!
वो कहती है कि तुम्हारा एक भगवान हर किसी के साथ रास लीला करता फिरता है, एक भगवान इतना कमजोर है कि उसकी बीवी को एक राक्षस उठा के ले जाता है और उसे बंदरों की मदद लेनी पड़ती है, और तुम उन बंदरों को भी पूजते हो, वो कहती है कि तुम्हारा एक भगवान शिव अपनी मरी हुई बीवी के शव को लेके हर जगह घूमता है!
जब आसिफा हिंदू देवी देवताओं के बारे में जहर उगल रही होती है तो दोनो हिंदू लड़कियों के पास इन सब बातों का कोई जवाब नही होता, आज भी बहुत सारी लड़कियों को अपने धर्म के विषय में कुछ नही पता, इसी लिए उन्हें अपने धर्म से विमुख करना बहुत आसान हो जाता है, इसके विपरीत जब आसिफा जीसस के विषय में गलत टिप्पणी करती है तो नीमा मैथ्यूज उसका विरोध करती है!
एक दृश्य ये है कि जब चारों खाना खाती है तो नीमा प्रेयर करती है, आसिफा भी अल्लाह को याद करती है पर शालिनी और गीतू कुछ नही करती, आसिफा कहती है कि तुम लोग खाना खाने से पहले प्रेयर नही करते, शालिनी कहती है कि घर में अम्मा कुछ श्लोक तो पढ़ती है पर मुझे इस बारे में कुछ नही पता!
आसिफा और नीमा कहती है कि हम तो खाने से पहले अपने गॉड को धन्यवाद कहते हैं, ये सीन देखते हुए ऐसा लग रहा था कि किसी ने हमारे मुंह पर कस के तमाचा मार दिया हो, जिन वृक्षों की जड़े कमजोर होती हैं वो जल्दी उखड़ते हैं!
“द केरला स्टोरी” फिल्म का ईमानदारी से आकलन करोगे तो पता चलेगा कि हिन्दुओं के धर्मांतरण के मुख्यतः सात कारण हैं!
१. आत्मा-परमात्मा, धर्म-अधर्म, पूजा-पाठ व अपने धर्म ग्रन्थ वेद की सही जानकारी न होना
२. मां बाप द्वारा अपने बच्चों को सनातन धर्म का पूरा शिक्षा नहीं देना लेकिन कुछ जगह पर मां बाप को भी सनातन धर्म की जानकारी नहीं है तो अभी भी समय है उन्हें जागरूक होने का
३. भोजन से पूर्व व सोने से पूर्व परमात्मा का धन्यवाद नहीं करना
४. अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा अपने धर्म के प्रचार प्रसार व समाज सेवा में नहीं लगाना!
५. अन्य धर्मों के अच्छाई और बुराई की जानकारी ना रखना
६. किसी भी अनजाने पर तुरंत आंख बंद करके भरोसा करना, जब की जब तक हम उसे ढंग से समझ नहीं ले विश्वास नहीं करना चाहिए
७. मुसलमान हर शुक्रवार को मस्जिद में एकत्रित होते हैं, क्रिश्चियन हर रविवार को.. लेकिन हम हिंदुओं में कोई भी ऐसा दिन नहीं है जहां हम सभी हिंदू एक जगह एकत्रित होकर अपने धर्म के बारे में चर्चा कर सकें
👉 यदि आपको अपने सनातन धर्म के सभ्यता और संस्कृति के बारे में मालूम है तो कोई भी जिहादी प्रवृत्ति का व्यक्ति आप का धर्मांतरण नहीं करवा सकता और ना आपके धर्म के ऊपर उंगली उठा सकता है, यदि वह ऐसा करता भी है तो आपको इतना जानकारी होगा कि आप उसे मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं!