मतदान की अनदेखी करने वाले को धिक्कारता लोकतंत्र
यदि विकास का है संकल्प, तो मतदान ही है एक विकल्प ।
वोट देने का अधिकार लोकतंत्र का एक मूलभूत सिद्धांत है और चुनावी भागीदारी एक आवश्यक नागरिक कर्तव्य है। किसी लोकतांत्रिक देश में नागरिकों का मतदान करना उनका अधिकार और कर्तव्य ही नही अपितु संस्कार भी होता है। हमारे विश्व भर में कई येसे देश है जहां की सरकारें अपने नागरिकों को अपने नेताओं को चुनने की शक्ति से वंचित करती हैं, वही जबकि भारतीय संवैधानिक प्रणाली उन्हें अपने राजनीतिक प्रतिनिधियों को चुनने का अवसर प्रदान करती है जो लोकतांत्रिक वैधता का संकेत है। चुनाव सिर्फ इस बारे में नहीं है कि कौन पद पर है। वे इस बारे में भी हैं कि कौन-कौन सी नीतियां लागू की गई और कौन सी नीतियां लागू की जानेवाली है और जनता का पैसा कहां खर्च किया जाता है। स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, वेतन, पर्यावरण, कर, आवास, रोजगार, महंगाई, गरीबी जैसे मुद्दों पर हर दिन सरकार द्वारा निर्णय लिए जाते हैं। जब लोग वोट न देने का निर्णय लेते हैं, तो वे अपनी आवाज़ और शक्ति किसी और को दे देते हैं। हम जिस लोकतांत्रिक दुनिया में रहते हैं उसका आकार देने में हर एक नागरिक का अहम और महत्वपूर्ण भूमिका है और हमारी एक एक आवाज़ मायने रखती है। इसलिए जरूर वोट करें, अपने लिए, अपने परिवार के लिए, अपने समुदाय के लिए, अपने देश के लिए, क्योंकि जिस देश या राज्य में राजतंत्र, तानाशाही अथवा कुलीनतंत्र होता है तो वहां के नागरिकों को अपने मन मुताबिक रहने, कार्य करने की आजादी नही होती, वहां के नागरिकों के पास कोई येसी सीधी ताकत नहीं होता, जो लोकतांत्रिक देश के नागरिकों के पास होती है। याद कीजिए जब हम गुलामी के जंजीरों में बंधे हुए थे, जब हमारा देश स्वतंत्र नही था, हमारे पूर्वजो ने हमारी इस आजादी को पाने के लिए ना जाने कितना संघर्ष किया है और न जाने कितनों ने अपनी जान निछावर कर दिया वहीं न जाने कितनों को अपनी जान गंवानी पड़ी जिसके बदौलत आज हम स्वतंत्र भारत में स्वतंत्र रूप से रह रहे है और अपने कार्य को स्वतंत्र रूप से संपादित कर रहे है। आज यदि हम आजाद है तो हमे आजाद रखने की ताकत हमे हमारा वोट देता है। क्यूँकि जिस दिन आपका यह अधिकार नही रहेगा तो समझ लीजिए की अब आप स्वतंत्र नही है। इसलिए इस वोट की कीमत को समझें और वोट जरूर करें। हम भारतवासी कितना सौभाग्यशाली है कि हमें इतनी बड़ी ताकत मिला है कि हम अपने मन मुताबिक लोगों के पक्ष मे वोट करके सरकार बना सकते है। यह कितना बड़ा प्रचंड शक्ति हमें प्राप्त है, इसको समझने की नितांत आवश्यकता है। कुछ लोग बिना किसी गंभीर समस्या के भी इसे जानबूझकर नजरअंदाज कर देते है और वोट डालने के लिए नही जाते, जिसके कारण लोकतंत्र कराहने को विवश होता है। ऐसे कई लोग हैं जो सोचते हैं कि उनका एक वोट क्या हासिल करेगा ? उनका एक वोट कोई मायने नहीं रखता और इसलिए वोट देने के लिए खुद को पंजीकृत भी नहीं कराते हैं। हालाँकि, हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि हर एक वोट का बड़ा ही महत्व है, एक वोट का अंतर भी एक अच्छी सरकार और एक बुरी सरकार, एक सक्षम और असक्षम, एक कमजोर और एक मजबूत, एक निर्णायक और एक अनिर्णायक सरकार के बीच का अंतर हो सकता है। आपने कई मर्तबा यह देखा अथवा सुना होगा कि एक वोट के लिए उक्त सरकार गिर गई अथवा बच गई। “गर वोट देने तुम नहीं जाओगे, याद रखना एक दिन लोकतंत्र तुम गँवाओगे।” इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को वोट देने पर बार-बार जोर दिया जाना चाहिए। मतदान से ही लोकतंत्र को संजीवनी और संरक्षण मिलता है। आपका एक मतदान ही इसे महफ़ूज़ रखता है, इससे कई महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त होते हैं। सबसे पहले, यह आपको ऐसे नेताओं और नीति निर्माताओं को चुनने की अनुमति देकर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है जो आपकी ओर से निर्णय लेने वाले होते है, आपके समस्याओं,अवाजों को उचित मंच पर उठाकर उसका निराकरण करवाने वाले होते है। इसके अलावा मतदान आपके मूल्यों और प्राथमिकताओं के अनुरूप उम्मीदवारों का समर्थन करके आपके देश या क्षेत्र की दशा, दिशा, नीति, शासन इत्यादि का आकार देता है। यह अधिनियमित कानूनों और विनियमों को प्रभावित करता है, रोजी, रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, सामाजिक उत्थान और अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करता है। इस प्रकार मतदान सामाजिक परिवर्तन लाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। नागरिक अधिकारों और सामाजिक न्याय की उन्नति में योगदान देना अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है। यह न केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है, बल्कि समाज की प्रगति और समृद्धि के लिए भी आवश्यक है। यह भागीदारी, जुड़ाव और सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है। लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करना और नागरिकों को अपने समुदायों और देशों के भविष्य को आकार देने में ऊर्जा प्रदान करता है। मतदान के अधिकार का प्रयोग हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत के लिए जो कल्पना की थी, उसे कायम रखता है। बेहतर भारत के लिए मतदान करके हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों और अपनी पिछली पीढ़ियों के संघर्ष का सम्मान करते हैं और आनेवाले पीढ़ियों के भविष्य का निर्धारण करते है। कम मतदान दर का होना एक स्वच्छ और स्वास्थ्य लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नही हो सकता। मान लिया जाय कि किसी क्षेत्र में यदि 30 प्रतिशत वोटिंग होती है और 70 प्रतिशत नही होती है, तो क्या यह मान लिया जाय की वहां के 70 प्रतिशत आबादी लोकतंत्र नही चाहती ? इसपे चिंतन और मनन करने की नितांत आवश्यकता है। हर एक कार्य करने के लिए सरकार के भरोसे नही रहा जाता, कुछ कार्य खूद से भी किया जाता है। क्योंकि यदि आप वोट डालकर लोकतंत्र को जितना मजबूत करेंगे और जितना सशक्त सरकार बनायेंगे उतना ही वह आपके हित में होगा, क्यूंकि किसी डेमोक्रेटिक देश अथवा राज्य की लोकतांत्रिक बुनियाद चुनाव परिणामों पर आधारित होती है। हमारी विधायिकाएँ और सांसदें जनता का जनता द्वारा और जनता के लिए चुनी जाती हैं। हम अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि हमें वोट देने का संवैधानिक अधिकार मिला है। हमारे हर एक वोट में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की क्षमता है। आपकी हर एक वोट में आपका और आपके बच्चों का भविष्य निहित रहता है। यदि आप वर्तमान सरकार से असंतुष्ट हैं तो आप एक बेहतर सरकार के लिए मतदान कर सकते हैं। और यदि संतुष्ट है तो आप इस सरकार को पुनः स्थापित करने के लिए वोट कर सकते हैं। अक्सर देखा जाता है की लोग किसी लालच में आकर या किसी के बहकावें मे आकर या तो मतदान करने नही जाते है अथवा गलत जगह मतदान कर देते है और फिर वही लोग बाद में सरकार को कोसते रहते है। इसलिए जब भी मतदान करे आप अपने हिसाब से मतदान करे। किसी के कहने या लालच देने से नही, क्योंकि हो सकता है कि आज आप क्षणिक सुख के लिए वैसा कार्य कर दें परंतु आने वाला अगला 05 साल बहुत बड़ा दुखदाई का कारण बन सकता है। इसलिए जाति-पाती, ऊंच-नीच, बड़ा-छोटा अगड़ा-पिछड़ा, धनी-गरीब इत्यादि भावनाओं से ऊपर उठकर एक योग्य, शिक्षित और सर्वसुलभ व्यक्ति के लिए मत करें, और देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करे। यदि आप जीवित है तो आवश्यक ही वोट करे। क्यूँकि यही वो शक्ति है जो यह साबित करता है की आप जीवित है। क्यूंकि जब कभी(कही) लोकतंत्र नही था (हैं) तो जीवित रहते हुए भी लोग मृत के समान रहने को विवश थे (हैं), इसलिए आप एक लोकतांत्रिक देश में रहकर अपने इस अधिकार और ताकत को इसे यूं ही बर्बाद नही होने दे, क्यूँकी यही वह समय होता है जब आप, जैसा इनपुट दीजिएगा वैसा ही आउटपुट मिलेगा। इसलिए देश और समाज के हर एक नागरिक का परम अधिकार और कर्तव्य है की वह जरूर ही वोट करे और दूसरों को भी वोट देने के लिए जरूर प्रेरित करे ताकी हमारा लोकतंत्र और मजबूत हो और एक स्वस्थ्य, स्वच्छ, निष्पक्ष और न्यायिक सरकार का निर्माण हो सके जिसके परिणामस्वरूप हमारा राष्ट्र प्रगति, समृद्धि और खुशहाली के पथ पर अग्रसर हो सके।
— डाॅ. पंकज भारती