दोस्ती
दोस्ती का एक
नया रिश्ता बनाएँगे।
महबूब से ज्यादा
आपको चाहेगे।
जिस्मों के बाजार में
आपकी रूह से
रिश्ता बनाएँगे।
रूठ गया
अगर वक्त तो
उसको भी
आपके लिए मनाएगे।
छोड़ जाएगा जब
आपके अपने
तो भी हम
दिल से रिश्ता निभाएगे।
— डॉ. राजीव डोगरा
दोस्ती का एक
नया रिश्ता बनाएँगे।
महबूब से ज्यादा
आपको चाहेगे।
जिस्मों के बाजार में
आपकी रूह से
रिश्ता बनाएँगे।
रूठ गया
अगर वक्त तो
उसको भी
आपके लिए मनाएगे।
छोड़ जाएगा जब
आपके अपने
तो भी हम
दिल से रिश्ता निभाएगे।
— डॉ. राजीव डोगरा