कविता

नव वर्ष मंगलमय हो

नव वर्ष की दहलीज पर
नव चेतना, नव उजागर, नई उमंग हो
लगातार असफलताओं के बीच
सफलता का ही आगमन हो….!
दुख निराशा जीवन से दूर हो
आशा की दीप हृदय में जागृत हो
मन की दुविधा स्पर्श न करें जीत को
सपने हमारे ऊंचे हो हर दिन नहीं उड़ान हो..!
आओ मिलकर स्वागत करें नव वर्ष का
जहां नव वर्ष,नव हर्ष, जीवन उत्कर्ष हो
नव वर्ष में हो हर दिन उत्सव
नव उमंग, नव तरंग,जीवन नव प्रसंग हो…!
सच्चाई और प्रेम में अपना ही संसार हो
सब दुख दूर हो, सुख शांति और प्यार हो
जीवन में गीत नवल हो,प्रीत नवल हो
जीवन की हर नीति, रीति व जीत नवल हो…!
उन्नति, समृद्धि हो हमारे देश का
विनाश हो सारी षड्यंत्र का
मिलकर विचार विमर्श हो, पूरा हमारा लक्ष्य हो
सफलता ही हमारा निष्कर्ष हो
नव वर्ष मंगलमय हो, नव वर्ष मंगलमय हो..!

— राज कुमारी

राज कुमारी

गोड्डा, झारखण्ड

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