गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक जैन 11/12/2020 गजल जान बाकी है जहान बाकी है। अभाव में जीनों को किसान बाकी है। लग गई सारी उम्र चुकाने में उसको Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक जैन 11/12/2020 गजल रात दिन किसी के लिए जो रोते रहेंगे। कब तक यूं ही खुशियों को खोते रहेगे। दिल को उदास रखना Read More
कविता अभिषेक जैन 11/12/2020 कविता वो क्या जाने जीत का जायका जिसने कभी हारी न हो अपनी जीती बाजी क्योंकि जीत हार के ही हासिल Read More
कविता अभिषेक जैन 10/12/2020 काविता कुछ पल अपने लिए भी जी लो तुम। बरसो जिई हो औरों के लिए उनको खुश करने में खपा दिया जीवन तुमने Read More
कविता अभिषेक जैन 07/12/2020 कविता – सवाल आज पूछे जाएं गे तुमसे भी कई सवाल जो आपकी तकलीफ़ को बढ़ाएंगे आप चींखें बहुत ओ शोर मचाएंगे मगर Read More
हास्य व्यंग्य अभिषेक जैन 06/12/202006/12/2020 व्यंग कितने अच्छे शेर कहता है वो, क्या हुआ वो उच्चारण में मात खाता है। ग़ज़ल को गजल कहता है । शागिर्द को Read More
लघुकथा अभिषेक जैन 06/12/2020 लाकडाउन दिनभर घर में घुसे घुसे तुम बोर नहीं होते बेटे, बाहर का हाल भी देख आओ मां ने बेटे को प्यार से Read More
कविता अभिषेक जैन 05/12/2020 कविता जाने वालो के कदमों के निशा बाकी है नहीं अभी मिटा पाए ये बेरहम पानी की लहर क्योंकि वो निशा Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक जैन 05/12/2020 गजल उसी की फिर मैं चर्चा कर रहा हूं। के अपने जख्मों को और गहरा कर रहा हूं। कभी कुछ कहकर Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक जैन 04/12/2020 गजल शब कट गई इंतजार बाकी रहा। जिंदगी तेरा एतबार बाक़ी रहा। मिलनो को रोज आते हैं बहुत से मगर उनमें Read More