लक्ष्य की ओर
मन में लक्ष्य हो ऊँचा, डग में आत्मविश्वास,हर कदम में हो संकल्प, न हो कोई विश्राम।सपनों की न सही सीमाएँ,
Read Moreमन में लक्ष्य हो ऊँचा, डग में आत्मविश्वास,हर कदम में हो संकल्प, न हो कोई विश्राम।सपनों की न सही सीमाएँ,
Read Moreभावनाएं हैं मन का साज,खिलौने जैसे रंग-बिराज।खुशियों की हंसी, ग़म की छाया,दिल के कोने में, सबको सज़ाया। प्यार की मिठास,
Read Moreजीवन में आने वाली असफलता ने दस्तक देकर पुकारा मुझे भटकते हुए लम्हे ने हँसकर हौले से अहसास दिलाया ।
Read Moreस्नेह,त्याग और विश्वास से सुखमय होता परिवार किंतु ये गुण धारण करना हम करते नहीं स्वीकार। संशय और व्यर्थ चिन्तन
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