त्राहिमाम, दुहाई हो …………(कहानी)
पछियारी टोले से मदना छौरा बकरियों को लिए सरेह(वन) की ओर निकला है, उधर फल्गूआ भैंस चराने भउजाई वाले मोबाईल
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Read Moreशायद 5वीं-6ठी कक्षा में रहे होंगे, कुछ मित्रों के साथ गांव के एक समोसे दुकान में कुछ खा रहे थे,
Read Moreविवाह का मौसम है,आशिकों के दिलो पर गेहुंअन सांप लोट रहा है लोटे भी क्यू न, आंख के सामने खुद
Read Moreमुझे नई दिल्ली की सुबह नहीं सोहाती, न शाम, न रात. हर समय गाड़ियों का झुंड, हर ओर कंक्रीट का
Read Moreधान रोपनी के बाद भी रमेसरा परेशान है, पूरा सरेह पानी के लिए मुंह बाए खड़ा है, सूर्यदेव अलगे आग
Read Moreसावन, बाबा भोले नाथ का महीना, बारिश का महीना, प्रेम का महीना. हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है, रामकृपाल
Read Moreप्रभुनाथ बाबू गांव के जमींदार है, घर में सुख-सुविधा की रत्तीभर कमीं नहीं है। दू मंजिला कोठी, एगो चार चक्का,
Read Moreआज सुबह से ही ओमप्रकाश बाबू अपन मझिला लईका पिंटुआ पर पिनपिनाए हुए है, अचानक से नजर पड़ी ताश खेल
Read Moreजेठ की दुपहरी, पुरवईया हवा, पछिया हवा के साथ संघर्ष करती हुई, मालदह, कृष्णभोग और बमई आम-महुआ मादक गंध से
Read Moreआज बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट आने वाला है, ललनमा तो गौ माता को भोरे से जई, जनेरा काट के खिला
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