कहानी

कहानी : मैट्रिक रिजल्ट

आज बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट आने वाला है, ललनमा तो गौ माता को भोरे से जई, जनेरा काट के खिला रहा है और कह रहा कि – “हे गाय माता बस मैथ संभाल लो, बाकी संस्कृत गणेश जी और विज्ञान भोले बाबा संभाल रहे है”

ओमप्रकशबा तो पिछले 15 दिन से सरस्वती माता से डेली मोदी जी की तरह अपने “मन की बात” कह रहा है कि – हे माता ऐमकी बार संभाल लीजिए, पक्का अगला बेर सरस्वती पूजा करेंगे, रामकृपाली डीजे भी फूल साउंड में बजाएंगे और पूरवारी टोला वाला सबको देखा देंगे कि केतना ताकत हम पछियारी टोला वाला में है, उतरवारी टोला के दसरथ मिश्र जी तो अपन छोटका लईकबा पर भोरे से नजर रख रहें है, कहीं रिजल्ट उंच-नीच हुआ तो कुछ उल्टा सीधा न हमर लईकबा कर ले, एके गो बेटा है, उभी न हो रहा था, उ रामपुर वाली फुआ गांव के पंडित जी से झाड़ फूक करवाए तब जाके ई परमेशरा हुआ है, गोलूआ तो रतिया में ही प्लान बना लिया है कि अगर इस साल फेल हुए तो अगला बेर सरस्वती पूजा नहीं करेंगे और नहीं डीजे बजाएंगे, ओरहना ओरहना के नागिन डांस भी न करेंगे,
अनिल बाबू तो अपन बेटवा पर दूनाली तान दिए है कि बउओ अगर तनिको रिजल्ट में दाब-उलार हुआ तो मार के बुखार छोड़ा देंगे, तू जेतना कहा उतना खर्चा किए, माईक्रोमैक्स के एंड्रायड मोबाईल भी खरीद दिए, अब उनकर बेटा कह रहा हे कि हम तो लिखिए दिए है पप्पा, लेकिन अब कोपी चेक करने वाला कईसे नंबर देता है उ हम कईसे कहे, चंदनमा को तो कोई टेंशने न है क्योंकि उसकेे माधोपुर वाले फूफा आईडिया दिए थे कि भारी कुश्चन रहेगा और नहीं कुछो समझ में आएगा, तो कोपी में पचसटकिया चिपका देना बाकी निश्चिंत रहो, और गीता वाला दर्शन भी समझा दिए है कि करम किया है तो फल की चिंता मत करो.
पूरे केदारपुर गांव में चहल-पहल का माहौल है, वैसे यह गांव आज आजादी के 70 वर्ष बाद भी विद्रूपता में जीने को मजबूर है, लेकिन राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत टोले टोले बिजली का पोल खड़ा हो गया है, लाईन तो आता नहीं है, फेकूआ तो उस तार पर ही अपना कपड़ा-लता सुखाता है, रोड भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से इस साल ही बना है, फिर भी इंटरनेट की पहुंच गांव में अब हो चुकी है, गांव में इंटरनेट पहुंच चुका है, फेसबुक की पहुंच है, लेकिन सूचना क्रांति की इस युग में आज भी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है बबलू सिंह पर, बबलू सिंह को ससुराल से 150 किलो की पत्नी के अलावा दहेज में लैपटाप, एलसीडी, फ्रीज, जनरेटर मिला था, प्रिंटर गोरलगाई के पैसा से बाद में खरीदे है, आज सुबह-सुबह दुकान खोले है, वैसे मोबाईल पर इंटरनेट की सुविधा हर दूसरे घर में है, लेकिन बबलू सिंह एक इंटरनेट से पूरे गांव में क्रांति ला दिए है, आज बहुत बड़ी जिम्मेदारी उनके उपर है, कल शाम A-4 साईज के पेपर चौक पर से मंगवाएं है, अभिभावक सब बबलू के दरवाजे के आस-पास भोरे से ही मंडरा रहे है,
दोपहर 1 बजे रिजल्ट आ गया है, बिहार बोर्ड का सर्वर हिल डोल कर रहा है, लेकिन बबलू का बिजनस तो आज गर्दा उड़ा रहा है, 10 रुपए प्रति रिजल्ट बता रहे है, फस्ट डिविजन वाला खुशी से गोबर में लात मार रहा है, सेकंड डिविजन वाला कई खुश है तो कई कह रहा है कि साला इस बार एक्जमवे टाईट ले लिया है, थर्ड डिविजन वाले तो ऐसे निश्चिंत है जैसे संयुक्त राष्ट्र संघ में अफ्रीकन कंट्री सब, बस कैसहूं घिचा तीरा के पास हो गए,
ठनका तो अनिल बाबू अपन बेटवा पर गिरा रहे है, दू-चार लात हुमच दिए है, मम्मी बीच में हस्तक्षेप कर के बचायी है, बोल रहे कि आज खाना नहीं खाने देंगे, लेकिन मां का प्यार चुपके-चुपके प्राप्त हो रहा है कि, पिताजी से छिपा के तीन बार भोरे से अब तक खिला चुकी है, दू नंबर से इनकर लईकबा विज्ञान में फेल हो गया है, अनिल बाबू बुलेट निकाले है और चल दिए है चौक वाले माहटर को गरियाने कि तुम्ही ठीक से नहीं पढ़ाए हो तो हमार बचबा फेल हुआ है,

कोपी में पचसटकिया चिपकाने वाला चंदनमा भी 2 गो विषय में फेल है, उसके फूफा का तकनीक बेअसर रहा, मन ही मन फूफा को गरिया रहा है साथ ही उस कोपी चेक करने वाले मास्टर को भी, कि साला 250 रूपया भी गया और फेल भी हो गए, गोलूआ के पापा रामकृपाल सिंह तो उसको बांस लेकर चहेंटे है, और बोल रहे ऐतना पढ़ा था, भोरबे रात से उठ कर पढता था फिर भी सेकंडे डिविजन काहे हुआ रे, कोन झोल किया तू, कुश्चनवां लेकर आओ देखते है, तकिया के नीचे से मचोराएल मुचराएल उठा करके Question लाया है, कुर्सी पर बैठे-बैठे पूछे है कि साधारण ब्याज का फार्मूला बताओ –
गोलूआ बताया है, मूलधन x समय x दर बट्टा सौ, और (a+b) का स्क्वायर बताओ, गोलूआ फिर एकदम सही बताया है, रामकृपाल सिंह बोले है, ई तो एकदम सही है, बोर्ड को चैलेंज करेंगे भाई, बोर्ड को हिला देंगे, बिहार बोर्ड को का बुझा रहा है, रे गोलुआ सीतामढ़ी वाले एक मुकेश चचा नेता न है जो भाजपा की हर रैली में पोस्टर चिपकाते है, उ चचा को फोन लगाओ, उनकर पहुंच उपर तक है, पटना बोर्ड तक जाएंगे, टू टेंशन मत ले गोलू, नंबर बढ़वा के रहेंगे,

पछियारी टोला वाली सुनितिया भी फर्स्ट डिविजन से पास की है, गांव के बुजुर्ग सब चाय पीने और मिठाई के डिमांड के लिए पधार रहे है, 2 लीटर दूध था, चाय बनाते बनाते सारा खत्म हो गया है, अब पाउडर वाला दूध लाने के लिए, सुनितिया के पिताजी स्पलेंडर मोटर साईकिल निकाल के चौक पर गए है, जहां देखते की चार लोग खड़ा है, मोबाईल निकालते और बोलते हां मुखिया जी सुनितिया फर्स्ट डिविजन लाई है, बिहान भोरे पेपरवा देख लेना, स्कूलिया तो टॉप है अब शायद जिला में भी नाम आया है, बगल के ही रामाधीर बाबू के लईका हिंदी छोड़ के चारो विषय में क्रॉस लगाया है, रामाधीर बाबू अपने बेटवा को लतिया अलग रहे है, उल्टे सुनितिया के सफलता का ताना भी दे रहे है, इसको अपने फेल होने से ज्यादा टेंसन सुनितिया के पास होने और उसके चलते ताना खाने से हो रहा है.

सुनितिया के दरवाजे पर प्रमोद मिश्र पंडित जी पधारे है, विवाह का चर्चा भी चल रहा है, पंडित जी ने typical घिसा-पिटा dialog मारा है कि देखिए बेटी पराया धन होती है, अब मैट्रिक पास हो गई है, बियाह शादी सोचिए, हमरे नजर में बगल गांव बेलहिया के Govind Madhav एक दम बेहतरीन, हैंडसम लईका है, स्मार्ट तो ऐतना है कि पूछिए मत, विवाह की बात सुनकर सुनितिया भी मुस्किया रही है, सुनितिया के पापा चाय चुस्की लेते हुए, बात बदलते हुए बोले है कि अब देखो 10,000 रुपया नीतिश कुमार प्रोत्साहन राशि इनाम देंगे, इज्जत हमर गांव में बढ़ गया है, आज जो तुमको माँगना हो, माँग लो।
सुनितिया तीस पईसी मुस्कान छोड़ते हुए अंगना में भाग गई है, कुछ देर बाद में उसकी मम्मी बाहर निकली है, अब उसकी माँ कहती हैं -ए सुनितिया के पप्पा, बहुते दिन से कान मे के बालि खरीदे के मन है ऐकर, कान में के एगो बाली बिहान सीतामढ़ी सोनपट्टी में ले जाके खरीद दीजिएगा.
उधर अनिल बाबू माहटर को गरियाने के लिए बुलेट से खोज रहे है, रामकृपाल सिंह रैली में पोस्टर चिपकाने वाले नेता चचा से बिहार बोर्ड को चैलेंज करवाने के लिए फोन मिला रहे है, कवरेज एरिया से बाहर बता रहा है. चंदनमा अपने माधोपुर वाले फूफा को गरिया रहा है कि उनके ही आईडिया के चलते ही हम फेल हुए है.
बाकी हम चलते है।

आनंद 

आनंद कुमार

विद्यार्थी हूं. लिखकर सीखना और सीखकर लिखना चाहता हूं. सीतामढ़ी, बिहार. ईमेल-anandrajanandu7@gmail.com