मैंने जाने गीत बिरह के
मैंने जाने गीत बिरह के, मधुमासों की आस नहीं है, कदम-कदम पर मिली विवशता, साँसों में विश्वास नहीं है।
Read Moreमैंने जाने गीत बिरह के, मधुमासों की आस नहीं है, कदम-कदम पर मिली विवशता, साँसों में विश्वास नहीं है।
Read Moreदर्द की उपमा बना मैं जा रहा हूँ, पीर की प्रतिमा बना मैं जा रहा हूँ। दर्द दर-दर का पिये
Read Moreमेरी कार, मेरी कार, सरपट दौड़े, मेरी कार। पापा को ऑफिस ले जाती, मम्मी को बाजार घुमाती। कभी द्वारका ,
Read Moreअभी दो चार दिनों से देवम के घर के बरामदे में चिड़ियों की आवाजाही कुछ ज्यादा ही हो गई थी।
Read Moreइस बार दिवाली सीमा पर, है खड़ा मवाली सीमा पर। इसको अब सीधा करना है, इसको अब नहीं
Read Moreजलाओ दीप जी भर कर, दिवाली आज आई है। नया उत्साह लाई है, नया विश्वास लाई है।
Read Moreमेरे घर में बना बगीचा, हरी घास ज्यों बिछा गलीचा। गेंदा, चम्पा और चमेली, लगे मालती कितनी प्यारी। मनीप्लांट आसोपालव
Read Moreअब सरदी की हवा चली है, गरमी अपने गाँव चली है। कहीं रजाई या फिर कम्बल, और कहीं है टोपा
Read Moreबच्चों को कुछ भी याद रहे या न रहे, पर वे अपना बर्थ-डे तो कभी भी भूलते ही नही
Read Moreबहुत दिनों से देवम और उसकी मम्मी की इच्छा सोमनाथ-दर्शन की हो रही थी। पर कभी तो देवम के पापा
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