बारिश की बूंदें
नाचती पानी की बूंदे देखो धरती पर हरियाली भरे मौसम ने फिर उठाया सर खूबसूरती का नजारा देखो लगता प्यारा
Read Moreनाचती पानी की बूंदे देखो धरती पर हरियाली भरे मौसम ने फिर उठाया सर खूबसूरती का नजारा देखो लगता प्यारा
Read Moreअनपढ़ों के बीच क्या यह पढ़ने लगी तुम, पढ़े लिखे का ज्ञान कहां गढ़ने लगी तुम। किसान की पुकार है
Read Moreबर्बर है जर्जर है हालत नासाज़ है,चिल्लाती काँपती लहूलुहानआवाज है।तड़प, झिड़प किसी को नगवांरा है,एक पीड़ित बेटी ने फिर तुम्हें पुकारा
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