दासी
मैं तेरे चरणों की दासी।___तेरे एक दरस की प्यासी॥तू ही मेरा मक्का मदीना ।तू ही मेरा मथुरा और काशी ॥
Read Moreतुम एक बार चले आओ ये प्रेम निवेदन कर स्वीकार अगर बना ना सको रूक्मिणी राधा समझ करो अन्गीकार दूर
Read Moreजैसे कान्हा भूल न पाये राधा की उन यादों को। प्रियतम याद हमेशा रखना प्रेम राह के वादों को! मेरा
Read Moreग़ज़ल / अनुपमा दीक्षित मयंक बहर- 1222 1222 1222 1222 तेरी तस्वीर मुझसे यूँ हमेंशा बात करती है बनी है
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