ग़ज़ल
अजब फरेबी जमाना हमको, ये रंग क्या -क्या दिखा रहा हैकहीं किसी को बना रहा है, कहीं किसी को मिटा
Read Moreसावन मा घनघोर घटा खुब झूम के बारिश लाय रही,बरसै बुन्दियाँ रिमझिम- रिमझिम, टिप- टिप कर गीत सुनाय रही,सुगना कर
Read Moreहरिद्वार/ रायबरेली – बालसाहित्य संस्थान (अल्मोड़ा) उत्तराखंड द्वारा देश के प्रतिष्ठित बाल साहित्यकारों की पुस्तकों पर दिया जाने वाला अखिल भारतीय
Read Moreअबकी मानसून में कोई, कविता नहीं लिखेंगे केवल बारिश मे भीगेंगे, छप्पा – छईं करेंगे रेन कोट भी न पहनेंगे,
Read Moreघर – घर में खुशियाँ फैलाएं आओ दीपावली मनाएं. सारी दुनिया जगमग कर दें, घर – आँगन में खुशियाँ भर
Read Moreआओ भारत स्वच्छ बनाएं, स्वच्छ देश अभियान चलाएं. इधर – उधर मत फेंके कचरा, सही जगह उसको निपटाएँ. घर आँगन
Read Moreऐसा मेरे सपनों का भारत होगा | सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे, देश का ऊँचा नाम करेंगे, जहाँ न कोई छोटा
Read Moreकान पकड़कर चढ़े नाक पर रोब जमाते चश्मे जी दादा जी की आँखें बनकर , राह दिखाते चश्मे जी छपा
Read Moreसंता-बंता एक ऐसा नाम है जिसे सुनते ही जबरन होंठों पर मुस्कान आ जाती है| संता-बंता के नाम के चुट्कुले
Read Moreज्योति पर्व ‘दीवाली’ भारत का एक प्रमुख उत्सव है। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ से प्रेरित ‘बहुजन सुखाय’ की आत्म ज्योति प्रज्वलित
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