गर्जना
अभी भी वक़्त है, खुद को ढूंढ लो ज़रा कहीं जो गुम है कब से, उसे पा लो ज़रा भुला
Read Moreएक सुबह वो ज़रूर आएगी हर एक चिंता से मुक्त होकर जब चेहरे पे मुस्कान छाएगी मन में बसे भय
Read Moreलड़ रहा एक लड़ाई रोज़ खुद ही से मैं इस तरह मौन हूँ पर भीतर शोर का सैलाब नज़र आता
Read Moreख्वाहिशों के आसमान पर उम्मीदों के सितारे हैं चमचमाते,खूबसूरत पर दूर बड़े सारे हैं चाह कर भी हाथ नहीं आते
Read Moreधरती हम से पूछ रही है कब तक सींचोगे तुम मुझको अपनों के ही खून से ज़रा भी दर्द नहीं
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