आ गई जुलाई
जून विदा आ गई जुलाई।ऋतुओं की रानी अब आई।। नहीं धूप लू गरम हवाएँ,हुई तपन की पूर्ण विदाई। रिमझीम -रिमझिम
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Read Moreजैसा भी हो अपने देश के कानूनों को मानना,उनका सम्मान करना और उनकी बनाई गई लकीर पर फ़क़ीर बनकर कर
Read Moreबूढ़ा बचपन लाया यौवन कोंपल नई खिली। जितना छनता बचपन छिनता बढ़ता मैल गया। हर विचार की दुर्गति होती चलता
Read Moreबचपन की हर बात निराली। शुभता की सौगात सँभाली।। बचपन से ईश्वर की तुलना। पानी में मिश्री का घुलना। पारदर्शिता
Read Moreलाल रंग की सुघर सुराही। मिट्टी से ये बनी सुराही।। शीतल जल दे प्यास बुझाती, अपनापन दे नित्य सुराही। गर्मी
Read Moreकसें कसौटी सत्य की,हीरा हो या काँच। भ्रम में तेरे नेत्र हैं ,पता करें यह साँच।। जीव योनि-यात्रा करे, चल
Read Moreस्वजातीय को देखकर रंग बदलने की परम्परा अत्यंत प्राचीन है।इस मामले में खरबूजा और आदमी परस्पर प्रतियोगी की भूमिका में
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