बरसाने की राधिका
बरसाने की राधिका, नंदगाँव के श्याम।मेरे मन में आ बसो, करता ‘शुभम्’ प्रणाम।। उमड़ रहे घन व्योम में,गरज-गरज चहुँ ओर,चपला
Read Moreबरसाने की राधिका, नंदगाँव के श्याम।मेरे मन में आ बसो, करता ‘शुभम्’ प्रणाम।। उमड़ रहे घन व्योम में,गरज-गरज चहुँ ओर,चपला
Read Moreचला डाकिया लेकर डाक।डगर नापता सीधी नाक।। चढ़ा वाहिनी दो चक्रों की,छान रहा दोपहरी खाक। झोले में हैं भरीं चिट्ठियाँ,बढ़ा
Read Moreबदलें अपनी चाल,काग हर ओर यहाँ।बनते सभी मराल,करें किल्लोर यहाँ।। बदल न पाया पंख, रंग भी काला है,दिखता काला शंख,छिपा
Read Moreजून विदा आ गई जुलाई।ऋतुओं की रानी अब आई।। नहीं धूप लू गरम हवाएँ,हुई तपन की पूर्ण विदाई। रिमझीम -रिमझिम
Read Moreजैसा भी हो अपने देश के कानूनों को मानना,उनका सम्मान करना और उनकी बनाई गई लकीर पर फ़क़ीर बनकर कर
Read Moreबूढ़ा बचपन लाया यौवन कोंपल नई खिली। जितना छनता बचपन छिनता बढ़ता मैल गया। हर विचार की दुर्गति होती चलता
Read Moreबचपन की हर बात निराली। शुभता की सौगात सँभाली।। बचपन से ईश्वर की तुलना। पानी में मिश्री का घुलना। पारदर्शिता
Read Moreलाल रंग की सुघर सुराही। मिट्टी से ये बनी सुराही।। शीतल जल दे प्यास बुझाती, अपनापन दे नित्य सुराही। गर्मी
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