****अनाम रिश्ते****
मौसम की तरह रिश्ते बदल जाते हैं शुष्क संवेदनाओं से रिश्तों की गर्माहट बर्फ की तरह ठंडी पड़ जाती
Read Moreमौसम की तरह रिश्ते बदल जाते हैं शुष्क संवेदनाओं से रिश्तों की गर्माहट बर्फ की तरह ठंडी पड़ जाती
Read Moreहै कैदियों जैसा बचपन उस नन्ही मासूम का दिवारों के अलावा कोई भी तो नही जो जो सुने उसकी सिसकियॉ
Read Moreतुम मिले जिंदगी संवर गई गुनगुनी धूप और भी निखर गई बहुत दिनो बाद मन मे खिली पंखुड़ियां मोगरे की
Read Moreतुम करो या ना करो क्या फर्क पड़ता है प्रिय मै तो तुम्हें हरदम याद करती हूं जब चांद फलक
Read Moreवे स्त्रियाँ निकली थीं वे अपने वजूद की तलाश में बाजारवाद ने बड़ी बड़ी आंखों से उन्हें देखा खो गई
Read Moreआदि ना अंत प्रेम अनंत हम सब की आत्मा में बसा एक दिव्य प्रकाश है प्रेम जिसकी लौह छेनी सी
Read Moreएक प्रज्ज्वलित दीप क्या क्या ना करता अंधकार दूर करने के अलावा स्मृति में बसी धुंधली यादों को पीली
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