कविता *ब्रजेश गुप्ता 05/02/202406/02/2024 विपत्ति विपत्ति हो कोई भी हिम्मत न हारिये भय न कीजिये न कायरता दिखलाइये करें मुकाबला डटकर वीरो की भांति उसका Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 30/01/202430/01/2024 नेता जी नेता की तुलना गिरगिट से क्या करना रंग बदलने में वह उससे भी ज्यादा माहिर है अपना थूका ही चाट Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 30/01/202430/01/2024 क्षणिकाएँ एकांत मैं रोज देख रहा अपने चारों ओर बनती हुई गगन चुम्बी इमारतें और उनमें रहने वाले खुद से बात Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 12/01/202412/01/2024 वक़्त वक़्त की यह खासियत बदलता है यह रुकता नहीं किसी एक का होकर यह कभी रहता नहीं कल किसी का Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 10/01/202412/01/2024 नींद इन आँखों में बैरी नींद न आई पूरी रात गुजर गई ख्वाबों में कुछ ऐसे ख्वाब जो पूरे न हुए Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 08/01/202408/01/2024 मुसाफिर हम मुसाफिर तुम मुसाफिर दुनियां एक मेला यहाँ हम मिले तुम मिले मिलकर बिछड़ने के लिए तेरी राह कोई और Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 07/01/202407/01/2024 ठण्ड ठण्ड तो आलसी निठल्ले भरे पेट वालों के लिए है खाली पेट तो अल्ल सुबह ही निकल जाता है रोटी Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 29/12/202329/12/2023 नया साल कुछ दिन रह गए बेसब्री से इंतजार नए साल का शायद कुछ नया लाये हर कोई कर रहा इंतज़ार रात Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 24/12/202328/12/2023 क्षणिकाएँ 1- तलाशता हूँ आज आदमी को आदमी न जाने कहाँ खो गया जिस चेहरे को भी देखता हूँ आदमी की Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 19/12/202319/12/2023 कमी हम में ही कोई कमी थी जो तुमनें किनारा कर लिया हमनें तो हमेशा तुम्हारी कमियों को स्वीकारा काश एक Read More