गुनहगार
गुनहगार कहूं किसी को कहने का कोई हक नहीं मुझको मैं कौन पाक साफ हूं जो गिनाऊं किसी की
Read Moreजाड़े के मौसम में विशेषकर जनवरी माह में, मैं जब सब्जी लेने बाजार जाता हूं तो सब्जी लेने में बहुत
Read Moreयह सोच डर न जाना कि मर रहा हूं मैं मौत तो अटल सत्य है जीवन का अंतिम विश्राम और
Read Moreकौन नगरिया जाना रे तुझको रही कौन तेरी डगरिया कहां से रे तू आया कहां तुझे है जाना जब तक
Read Moreआंसू एक ऐसा हथियार है लोग करते हैं उपयोग जिसका सहानुभूति पाने को कोई रो देता भाषणों में कोई जाकर
Read Moreबैरों से लदी बैरिया झुक झुक जमी पर आ गईं पर हैं जिनका इंतजार वोह बचपन लेकर हाथ में पत्थर
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