संस्मरण
एक समय था जब हमारा कोई घर नहीं था. हम सब दस भाई बहन एक साथ अपने माता पिता के
Read Moreफालसे ले लो फालसे खट्टे मीठे फ़ालसे काले काले फालसे गर्मी की मेवा फालसे सोचते होंगे यह कौन सा अा
Read Moreदिन गुजर रहे बड़े मायूस मन डरा डरा न जाने किसकी खबर मिले छोड़ गया साथ अपना दुःख तो है
Read Moreशहर छोड़ लौट चलूं अब वापिस अपने गांव गांव छोड़ शहर आया था कुछ पाने और कमाने किया हिसाब तो
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